कचनार यानी गुरियाल इसके फूल उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत फूलों मे से ऐक है।
यह पूरे हिमालय क्षेत्र मे पाया जाता है । इसके फूल खूबसूरती से तो भरपूर होते ही हें साथ ही खाने लायक भी होते हैं उत्तराखंड मे अचनार के फूलों का प्रयोग अचार बनाने और सब्जि के रूप मे किया जाता है ।
मैंने भी बचपन मे कई बार इसका कचनार की सब्जी खाई है और अगर आप उत्तराखंड से हैं तो आपने भी जरूर खाई होगी ।
कचनार की पेड़ ऊँचाई लगभग 19 से 20 फीट तक होती है ।
ईसके पत्ते जोड़े में उगते हैं । समझ मे नही आया तो इस
तस्वीर मे देखिए ।
इसके फूल लाल और सफेद दो रंग के होते हैं ।
अंग्रेजी नाम माउंटेन एबौनी (mountain ebony)
यह पूरे हिमालय क्षेत्र मे पाया जाता है । इसके फूल खूबसूरती से तो भरपूर होते ही हें साथ ही खाने लायक भी होते हैं उत्तराखंड मे अचनार के फूलों का प्रयोग अचार बनाने और सब्जि के रूप मे किया जाता है ।
मैंने भी बचपन मे कई बार इसका कचनार की सब्जी खाई है और अगर आप उत्तराखंड से हैं तो आपने भी जरूर खाई होगी ।
कचनार की पेड़ ऊँचाई लगभग 19 से 20 फीट तक होती है ।
ईसके पत्ते जोड़े में उगते हैं । समझ मे नही आया तो इस
तस्वीर मे देखिए ।
इसके फूल लाल और सफेद दो रंग के होते हैं ।
अंग्रेजी नाम माउंटेन एबौनी (mountain ebony)
औषधीय गुण -
दोस्तो जैसा कि आप जानते होंगे की उत्तराखंड मे पाये जाने वाले सभी पेड़ पौधे कुछ ना कुछ औषधीय गुणो के जरूर होते है । लेकिन कचनार के पेड़ के बारे मे तो यहां तक कहा जाता है कि यदी पूरे देश को इसके औषधीय गुणों गुणो के बारे मे पता चले तो इसे भी दुर्लभ पेड़ो की गिनती में आने मे देर नही लगेगी मतलब कि इसके कई औषधीय गुण है कुछ के बारे मे नीचे लिख रहा हूं
- अगर आपके शरीर मे कहीं पर सूजन आये तो इसकी जड़ को पीसकर लेप बनाये और उस लेप को गर्म करने के बाद सूजन पर लगायें आराम मिलेगा ।
- आजकल अधिकतर बच्चों को भूख कम लगती है । और अगर आपका बच्चा भी इन्ही मे से ऐक है तो इसकी कलियों को घी में भूनकर सुबह शाम खिलायें भूख बढ़ेगी ।
- अगर आपके दांतो मे दर्द होता है या मसूड़ों मे दर्द होता है तो कचनार की छाल को जलाकर राख बनायें और उस राख से रोज दो बार दांत मंजन करे ।
Good dinesh
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